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About

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परिचय

 

सामान्य जानकारी

 

ब्रहमाकुमारीज़ विश्व भर में फैला हुआ एक ऐसा आध्यात्मिक संस्थान है जो व्यक्तिगत परिवर्तन और विश्व नवनिर्माण के लिए समर्पित है। सन 1937 में स्थापना के बाद ब्रह्माकुमारीज़ का इस समय सातों खण्डों के 110 देशों में विस्तार हो चुका है। और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक क्षेत्रों में गैर सरकारी संस्थान के रूप में स्थापित हो चुका है। हालांकि उनकी वास्तविक प्रतिबद्धता व्यक्ति को अपने दृष्टिकोण में भौतिक से आध्यात्मिकता में परिवर्तन करने के लिए प्रेरित करना है। इससे शान्ति की गहरी सामूहिक चेतना और व्यक्तिगत गरिमा के निर्माण करने में हरेक आत्मा को मदद मिलती है।

 

अन्तर्राष्ट्रीय संयोजन

 

ब्रह्माकुमारीज़ का अन्तर्राष्ट्रीय मुख्यालय भारत के माउण्ट आबू में स्थित है। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की गयी अनेक गतिविधियों को सामान्यत: स्थानीय लोगों द्वारा ब्रह्माकुमारीज़ के ईश्वरीय नियमों के आधार पर और वहाँ के उस क्षेत्र के अपने नियमों और कायदों के आधार पर संचालित किया जाता है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर की जाने वाली गतिविधियों को विभिन्न देशों में स्थित कार्यालयों के माध्यम से संचालित किया जाता है, जैसे लण्डन, मॉस्को, नैरोबी, न्यूयॉर्क और सिडनी।

 

एक आध्यात्मिक नेता के रूप में महिलाओं की भूमिका

 

 

ब्रह्माकुमारीज़ महिलाओं द्वारा चलाई जाने वाली विश्व में सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था है। इस संस्था के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने माताओं और बहनों को शुरू से ही आगे रखने का फैसला लिया और इसी के कारण विश्व की अन्य सभी आध्यात्मिक और धार्मिक संस्थानों के बीच में ब्रह्माकुमारीज़ अपना अलग अस्तित्व बनाये हुए है। पिछले 80 वर्षों से इनके नेतृत्व ने लगातार हिम्मत, क्षमा करने की क्षमता और एकता के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता को साबित किया है।

हालांकि सभी शीर्ष व्यवस्थापकीय पदों पर महिलायें नेतृत्व करती हैं लेकिन यह शीर्ष की महिलायें हमेशा अपने निर्णय भाईयों के साथ मिलजुल कर लेती हैं। यह सहभागिता और आम सहमति के साथ नेतृत्व का एक आदर्श है जो सम्मान, समानता और नम्रता पर आधारित है। यह एक कुशल और सामंजस्यपूर्ण अधिकारों के उपयोग का उदाहरण रूप है।

 

विद्यार्थी

हम सभी व्यक्तिगत रूप से विभिन्न आयु वर्ग और पृष्ठभूमि से आये हुए लोग हैं जो ईश्वरीय ज्ञान का अध्ययन करते हुए सर्व धर्म और उनकी मान्यताओं का सम्मान करते हैं। जो कि अन्तत: हमें आत्मा, परमात्मा समय और कर्म के स्वभाव के बारे में समझाते हैं और अपने जीवनशैली को श्रेष्ठ बनाने की प्रेरणा देते हैं।

हम राजयोग मेडीटेशन सीखते और सिखाते हैं। जिससे मन को शान्ति मिलती है तथा हमारे भीतरी और बाहरी जगत के बीच बहुत स्वस्थ सन्तुलन बनता जाता है। हम आध्यात्मिक समझ को विभिन्न सामाजिक सेवाओं की गतिविधियों और संयुक्त रूप से किये गये कार्यों के साथ समाज में आगे बढ़ाते हैं, बेहतर विश्व निर्माण के लिए अपने कर्मों में श्रेष्ठता और अखण्डता के साथ नेतृत्व करते हैं।

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जागरुकता के साथ दिव्य गुणों को अपनाना

 

 

  • विपरीत परिस्थितियों में भीतरी गुणों का उपयोग कर पाना यही सच्ची आध्यात्मिकता है जिसे हम राजयोग ध्यान के माध्यम से सीखते हैं। जिससे हमारा आत्म सम्मान बढ़ता है।

  • हम प्रेम की शक्ति को समझकर उस पर प्रभुत्व पाते हैं और सीखते हैं कि वास्तविक प्रेम की शक्ति देने में है ना कि लेने में है।

  • हम स्वाभाविक रूप से अपने और दूसरों की बुराईयों के बजाए गुणों को देखते हैं, जिससे सम्बन्धों में स्वास्थ्य पनपता है।

औरों की आध्यात्मिक सेवा करना

 

 

  • आध्यात्मिक सत्य ज्ञान की समझ, राजयोग ध्यान का अभ्यास और दैवी गुणों की धारणा के परिणाम स्वरूप हम स्वाभाविक रूप से औरों की समाज सेवा करना चाहते हैं। सेवा ही हमारा श्रेष्ठ कार्य है जो हमें एक नये लक्ष्य और उद्देश्य के साथ भर देती है।

  • औरों की गई आध्यात्मिक सेवा अर्थात् उन्हें अपने खुद के पैरों पर खड़ा करना ताकि वे अपने निर्णय खुद ले सकें। यह एक तरह से उनको सशक्त बनाना है ताकि वे अपने आन्तरिक और बाहरी जगत के निर्माण में प्रेम, शान्ति और खुशी को अपने असली खजाने के रूप में देखें।

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अनुभव जो हम कराते हैं

 

हम जीवन परिवर्तन के लिए अनुभवों का एक ढांचा आपके सामने प्रस्तुत करते हैं। “मैं कौन हूँ?” इस मूलभूत प्रश्न की खोज और अन्वेषण करने के साथ आत्म नियन्त्रण की समझ को बढ़ाते हैं। जो हमें अपने जीवन का मालिक बनकर रहने का स्वतन्त्रता देती है। दोषारोपण का खेल समाप्त हो जाता है। गहरी आध्यात्मिक समझ जब धीरे-धीरे बढ़ती है तब सभी भ्रमों के पिंजड़े टूट जाते हैं और हम अपने जीवन का पुर्न निर्माण करने की जिम्मेदारी को हांसिल कर लेते हैं। वर्तमान समय एक सच्चा उपहार बन जाता है।

इस सबको हम अध्ययन के चार विषयों में निपुण बनकर हांसिल करते हैं।

 

आध्यात्मिक ज्ञान का अभ्यास

 

 

> वैश्विक सत्य, आत्मा का निजी स्वभाव, परमात्मा और आत्मा के बीच का गहरा सम्बन्ध, हमारे आध्यात्मिक प्रयास का मुख्य संदर्भ बनते जाते हैं। जीवन, जिसको हम बहती हुई अनुभवों की श्रृंखला कह सकते हैं, को समझकर उस पर अधिकार प्राप्त करने में इन अनुभवों का सहयोग मिलता है।

 

राजयोग ध्यान का अभ्यास

 


  • राजयोग का कदम दर कदम किया गया अभ्यास हमें अपनी भीतरी क्षमता और ताकत पर एकाग्र करने में मदद करता है। जो धीरे-धीरे बढ़ता और विकसित होता जाता है। कम और शक्तिशाली विचारों के साथ हम अपनी महानता को महसूस करना शुरू करते हैं।

  • इस ध्यान अभ्यास में हम देखते हैं कि कैसे शान्ति ही सन्तुष्टता का मार्ग बनता जाता है। शान्ति हमें स्थिरता की दुनिया में ले जाती है। जैसे कि अपने जीवन के चित्रपट को कुछ समय के लिए बटन दबाकर हम रोक लेते हैं।

  • यह हमें समय पर प्रभुत्व हांसिल करने में मदद करता है।  जितना समय मैं शान्ति में बिताता हूँ उतना ही शान्ति मुझे और समय देती है।

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